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कोरोना काल में प्रोटीन का महत्व : 73 प्रतिशत भारतीयों में है प्रोटीन की कमी -
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कोरोना काल में प्रोटीन का महत्व : 73 प्रतिशत भारतीयों में है प्रोटीन की कमी

by HE Times

टीन क्या है । आपके डाइट में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए। प्रोटीन की मात्रा अधिक या कम होने पर आपको क्या-क्या नुकसान या फायदे हो सकते हैं। कोरोना काल में प्रोटीन क्यों है आवश्यक। यह कुछ ऐसे महत्पूर्ण सवाल हैं जिन्हें जानना जरूरी है।
क्या होता है प्रोटीन? : शरीर के विकास के लिए विभिन्न तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रोटीन उन्हीं में से एक है। प्रोटीन को बिल्डिंग ब्लॉक भी कहा जाता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइ.सी.एम.आर) के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 48 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
भारत के विभिन्न राज्यों में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 73 प्रतिशत भारतीयों में प्रोटीन की कमी पायी गयी है। आश्चर्य की बात है कि 100 में से 93 लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं है। प्रोटीन की कमी का सबसे ज्यादा असर हमारी मांसपेशियों पर पड़ता है। प्रोटीन की कमी के कारण शरीर में थकान, कमजोरी, अनिद्रा, त्वचा सूखने की समस्या तथा भूख बढ़ने की समस्या हो जाती है।
कितनी होनी चाहिए मात्रा : आजकल वयस्क , युवा तथा बच्चों में बैठकर काम करने की प्रवृति बढ़ गयी है। ऐसे लोगों को अपने शरीर के प्रति किलोग्राम वजन के लिए रोजाना करीब .75 प्रोटीन की मात्रा लेनी चाहिए। औसतन यह मात्रा पुरुषों  में 55 ग्राम तथा महिलाओं में 45 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से सही रहती है। बुजुर्गों को अपने खानपान के अतिरिक्त सप्लिमेंट के तौर पर प्रोटीन लेना चाहिए। जरूरत से ज्यादा प्रोटीन आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है, तो वहीं प्रोटीन का कम सेवन भी ठीक नहीं है।
अधिक मात्रा पहुंचा सकती है नुकसान : अगर आप प्रोटीन का सेवन आवश्यकता से अधिक कर रहे हैं तो यह आपके शरीर के लिए काफी नुकसानदेह भी हो सकती है। इससे आपके शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ जाएगी। कीटोन एक विषैला पदार्थ है, इसे शरीर से बाहर निकालने में शरीर को अतिरिक्त परिश्रम करनी पड़ती है।
प्रोटीन की ज्यादा मात्रा शरीर में हड्डियों की सेहत पर बुरा असर डालती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रोटीन की ज्यादा मात्रा शरीर में कैल्शियम को कम करती है।
प्रोटीन की ज्यदा मात्रा में सेवन से आपकी सांसों में बदबू की समस्या हो सकती है। कई अध्ययन के माध्यम से यह बात सामने आयी है कि अत्याधिक प्रोटीन ग्रहण के लिए लोग लाल मीट या प्रोसेस फूड का सेवन करते हैं, जो आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। इसके अत्याधिक इस्तेमाल से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का भी खतरा रहता है।
कोरोना काल है आवश्यक : कोरोना महामारी की कहर ने पूरे विश्व को झकझोर के कर रख दिया है। हालांकि इस महामारी ने लोगों को अपनी सेहत को लेकर जागरूक करने का भी काम बखूबी किया है। लोगों को इस बात का एहसास कराया है कि स्वस्थ जीवन के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता का बेहतर होना कितना जरूरी है।
इस महामरी के दौरान शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने की खूब बात हो रही है। प्रतिक्षा प्रणाली यानि इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने में प्रोटीन का बहुत बड़ा योगदान होता है। इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने में पौष्टिक आहार जिसमें विटामिन डी, प्रोटीन, जिंक तथा ओमेगा-3 आदि का होना आवश्यक है।
प्रोटीन किसी भी व्यक्ति के पोषण और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का एक निर्धारक होता है, इसलिए आज के परिदृश्य में प्रोटीन युक्त भोजन लेना अत्यंत आवश्यक है। भारत में राइट टू प्रोटीन, एक राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य जागरूकता पहल कार्यक्रम चलायी जा रही है। इसके अंतर्गत समग्र और बेहतर स्वास्थ्य व पोषण हेतु पर्याप्त प्रोटीन खपत के बारे में लोगों का ध्यान केंद्रित कराया जा रहा है।

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1 comment

Prakash G July 26, 2021 - 5:21 pm

Very informative.

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