— राजेश सिन्हा —
ल्ली के त्यागराज स्टेडियम में सीएम अरविंद केजरीवाल ने फिनलैंड, सिंगापुर और कैंब्रिज जाकर ट्रेनिंग ले चुके सरकारी स्कूलों के टीचर्स-प्रिंसिपल्स से संवाद किया और कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति में हमारे टीचर्स को मिली ट्रेनिंग ने अहम भूमिका निभाई है।
दिल्ली की शिक्षा क्रांति की कई उपलब्धियां हैं। टेंट वाले स्कूल अब टैलेंट वाले स्कूल बन गए, शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ टीचर्स की ट्रेनिंग से स्कूल में माहौल बदला और नतीजे अच्छे आने लगे हैं। अब हमारे आलोचक भी मानते हैं कि दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। यह हमारे टीचर्स, प्रिंसिपल्स और दिल्ली के दो करोड़ लोगों की उपलब्धि है।
अब हम चाहते हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूल विश्व के स्कूलों से अच्छे बने। पंजाब में भी शिक्षा क्रांति पहुंच गई है। वहां हर विधानसभा में एक ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ चालू हो रहा है और टीचर्स का पहला बैच सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में सामंती सोच चली आ रही कि सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने की क्या जरूरत है? पहली बार हम सरकारी स्कूलों के टीचर्स और प्रिंसिपल को दुनिया की अच्छी से अच्छी ट्रेनिंग दिलवाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आजादी के बाद एक योजना बना लेते कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे, तो अभी तक देश से गरीबी दूर हो गई होती।
उन्होंने कहा कि अगर एलजी साहब भी टीचर्स के अनुभवों को सुनते तो उन्हें दिल्ली का एलजी होने पर गर्व होता। मैं एलजी साहब को टीचर्स के अनुभवों की वीडियो भेजूंगा। उम्मीद है कि इसके बाद वो फिनलैंड की फाइल नहीं रोकेंगे।